📌 Sheikh Hasina और बांग्लादेश – मुख्य बिंदु
🟢 Static Facts (Exam Oriented)
- पूरा नाम: Sheikh Hasina Wazed
- जन्म: 28 सितंबर 1947, फतेहपुर, ढाका, पाकिस्तान (अब बांग्लादेश)
- राजनीतिक पार्टी: Awami League
- प्रधानमंत्री पद: 1996–2001 और 2009–वर्तमान
- पिता: Sheikh Mujibur Rahman (बांग्लादेश के पिता कहा जाता है)
- बांग्लादेश की राजधानी: ढाका
- मुद्रा: बांग्लादेशी टका (BDT)
- भारत-बांग्लादेश की सीमा: लगभग 4,096 किलोमीटर
- सांझा सैन्य अभ्यास: 'Sampriti' भारत-बांग्लादेश की संयुक्त सेना अभ्यास
- महत्वपूर्ण परियोजनाएँ: Padma Bridge, Rooppur Nuclear Power Plant
1️⃣ फाँसी की सज़ा क्या है? (What is the Death Sentence?)
- बांग्लादेश की International Crimes Tribunal (ICT-BD) ने Sheikh Hasina को death sentence सुनाया।
- फैसला उनकी गैर-मौजूदगी (in absentia) में हुआ।
2️⃣ किस आरोप में सज़ा हुई? (Charges Against Her)
- Crimes Against Humanity (मानवता के विरुद्ध अपराध)
- 2024 के छात्र आंदोलन में हिंसा रोकने में असफलता।
- घातक बल (helicopter, drone आदि) के इस्तेमाल की अनुमति देने का आरोप।
- Incitement, conspiracy और failure to prevent violence जैसे आरोप।
3️⃣ फैसले की पृष्ठभूमि (Background of the Verdict)
- 2024 में छात्र आंदोलन बहुत हिंसक हो गया था।
- दर्जनों लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हुए।
- हसीना के इस्तीफ़े और देश छोड़ने के बाद मुकदमा तेज हुआ।
4️⃣ हसीना की प्रतिक्रिया (Sheikh Hasina’s Reaction)
- उन्होंने फैसला “rigged”, “politically motivated” बताया।
- कहा: उन्हें "fair chance" नहीं दिया गया।
- वर्तमान अस्थायी सरकार पर अदालत को प्रभावित करने का आरोप लगाया।
5️⃣ कानूनी स्थिति (Legal Status)
- वे सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती हैं।
- लेकिन जब तक वे बांग्लादेश वापस नहीं आतीं, प्रक्रिया जटिल है।
6️⃣ राजनीतिक प्रभाव (Political Impact)
- देश में राजनीतिक ध्रुवीकरण बढ़ा।
- विपक्ष इसे “political revenge” बता रहा है।
- Human Rights groups दमन और arrest की रिपोर्ट दे रहे हैं।
7️⃣ भारत–बांग्लादेश संबंधों पर असर (Impact on India-Bangladesh Relations)
- हसीना भारत की सबसे नज़दीकी नेताओं में गिनी जाती थीं।
- उनकी अनुपस्थिति से सीमा, व्यापार, सुरक्षा और नदी समझौतों पर असर।
- क्षेत्रीय स्थिरता पर दीर्घकालिक प्रभाव संभव।
8️⃣ समग्र निष्कर्ष (Overall Conclusion)
- यह फैसला बांग्लादेश की राजनीति का सबसे विवादित निर्णय है।
- देश के लोकतंत्र, स्थिरता और न्यायिक विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल।
- दक्षिण एशिया में भू–राजनीतिक हलचल बढ़ने की संभावना।
